Thursday, 18 April 2019

राजनीति शास्त्र

राजनीति शास्त्र
संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर

संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई और संविधान सभा की अंतिम बैठक 11 दिसंबर 1946 को हुई

भारतीय संविधान को बनाने के लिए 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे भारतीय संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर पूरा हो गया था परंतु 26 जनवरी 1930 को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का नारा दिया गया था इसी कारण भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 अंगीकृत किया गया


संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद थे इससे पहले संविधान सभा के एक अस्थाई अध्यक्ष चुने गए जिनका नाम था डॉ सच्चिदानंद


भारत का पहला लोकसभा चुनाव 1952 में हुआ जिसमें कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिला और पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने पंडित जवाहरलाल नेहरू सबसे लंबे कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री हैं पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद लाल बहादुर शास्त्री भारत के प्रधानमंत्री बने जिन्होंने जय जवान जय किसान का नारा दिया एक समझौते के लिए ताशकंद भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की वहां पर मृत्यु हो गई इसलिए लाल बहादुर शास्त्री भारत के ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनकी मृत्यु विदेश में हुई

गुलजारी लाल नंदा भारत के दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने एक बार जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु पर और दूसरी बात लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु

इसके बाद श्रीमती इंदिरा गांधी भारत के प्रधानमंत्री बने जो पहली भारतीय महिला प्रधानमंत्री हैं श्रीमती इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री लोकसभा हार गई थी
श्रीमती इंदिरा गांधी पहली भारतीय प्रधानमंत्री थी जो प्रधानमंत्री बनने के समय राज्यसभा के सदस्य थे इसके बाद अन्य प्रधानमंत्री हुए जो राज्यसभा के सदस्य हैं उदाहरण के लिए डॉ मनमोहन सिंह इंद्र कुमार गुजराल

इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री जी तो बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ


विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के केवल एक मात्र प्रधानमंत्री हैं जो अविश्वास प्रस्ताव द्वारा हटाए गए

भारत के एकमात्र प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री बनने के किसी भी सदन के सदस्य बे थे नरसिम्हा बाद में उन्होंने लोकसभा का चुनाव जीता



कोई भी व्यक्ति जो मुख्यमंत्री है प्रधानमंत्री है या केबिनेट स्तरीय मंत्री है किसी राज्य सरकार पर क्या केंद्र सरकार में तो उसे किसी भी सदन का सदस्य होना आवश्यक है यदि मुख्यमंत्री है या राज्य में कैबिनेट मंत्री है तो उसे राज्य की विधान सभा या विधान परिषद का सदस्य होना आवश्यक है यदि ऐसा नहीं है तो उस व्यक्ति को 6 माह के अंदर किसी भी सदन से या तो विधानसभा से या विधान परिषद से चुनाव जीतना आवश्यक है यदि वह चुनाव नहीं जीत पाता है तो उसका पद चला जाएगा यह उसे वह पद छोड़ना पड़ेगा चाहे वह मुख्यमंत्री है या राज्य में कैबिनेट मंत्री है भारत में केवल साथ ही राज्य हैं जहां पर विधान परिषदों की व्यवस्था है बाकी सभी राज्यों में केवल विधान सभा है यदि विधानसभा ही है अर्थात यदि किसी राज्य में विधान सभा विधान परिषद नहीं है तो उस व्यक्ति को विधानसभा से 6 माह के अंदर चुनाव जितना आवश्यक है अन्यथा उसे अपना पद त्यागना पड़ेगा
इसी तरह से यदि प्रधान मंत्री कैबिनेट मंत्री किसी भी सदन अर्थात लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य नहीं है तो उन्हें जब अपने पद की शपथ लेते हैं उससे 6 माह के अंदर किसी भी सदन से या लोकसभा से या तो राज्यसभा से चुनाव जीतना आवश्यक है


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